bacchon ke liye kahaniyan | 4 बच्चों की कहानियां | खूबसूरत कहानी बच्चों के लिए

Education Key86
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bacchon ke liye kahaniyan

bacchon ke liye kahaniyan तो आपने बहुत सर्च किया होगा और अपने बच्चों को सुनाया भी होगा लेकिन आज छोटे बच्चों के लिए कहानियां जो मैं सुनाने जा रहा हूँ वो बहुत ही मजेदार और प्रेरणादायक कहानी होगी। मैं पूरी उम्मीद से कह सकता हूँ की आपके बच्चे सिर्फ कहानी का आनंद ही नहीं लेंगे बल्कि इस कहानी से बहुत कुछ सीखेंगे भी ।

bacchon ke liye kahaniyan
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4 बच्चों की कहानियां (bacchon ke liye kahaniyan)- एक साथ रहने का महत्व

जैसा की आपने उपेर के टाइटल मे पढ़ हि लिया होगा की हम किस टॉपिक पे कहानी सुनने वाले है  । तो प्यारे बच्चों हम सुननेगे  4 बच्चों की कहानी और देखेंगे की एकता में कितना बाल होता है.

एक बार की बात है एक गांव था।  जिसका नाम बेलापुर था वहां एक राजा रहता था जो बहुत ही बुद्धिमान था उस राजा के चार बच्चे थे। जिसमें से दो बेटा और दो बेटी थी राजा बहुत ही समझदार था और वह अपने समझदारी से पूरा शासन चलाता था। 

एक दिन राजा ने सोचा कि मेरे मरने के बाद इस शासन को संभालने वाला कोई होना चाहिए। इन चारों में जो सबसे बुद्धिमान होगा इस शासन को चलाने के लिए वही सही होगा।  इतना सोचा था की राजा नेअपने चारों बच्चों को बुलायाऔर एक प्रश्न दियाऔर उसने कहा कि जो इस प्रश्न को हल कर देगा सबसे पहले वही इस गद्दी का शासक कहलाएगा।

राजा ने सभी को बुलाया और सबको एक-एक रुपए दिए फिर राजा ने बोला की इस ₹1 से जो सबसे ज्यादा चीज ले आएगा वह इस गद्दी का शासक बनेगा। इतना सुनने के बाद राजा के चारों बच्चे एक-एक रुपए लेकर बाजार चले गए और सभी ढूंढने लगे  की ₹1 में सबसे ज्यादा हम क्या खरीद सकते हैं क्या ले सकते हैं

राजा का पहला बच्चा उन्होंने ₹1 के घास खरीदे और राजा के सामने लाकर रख दिया और बोला कि ₹1 में मैंने इतनी सारी घास लाई है जो की एक रुपए के मूल्य से इससे ज्यादा और कुछ नहीं आ सकता हैं। अतः मैं इस गाड़ी का मालिक बनने के योग्य हूं।

तो वही राजा का दूसरा बेटा एक रुपए का बड़ा सा रोटी बनाकर लाता है और वह राजा को दिखाता है बोलता है कि इससे ज्यादा इससे बड़ा ₹1 में कुछ नहीं आ सकता।  अतः मैं इस गाड़ी का मालिक बनने के योग्य हूं।

कुछ देर के बाद राजा का तीसरा बेटा आता है जो ₹1 का कपड़ा खरीद कर लाता है और राजा के सामने फैला देता हैऔर वह भी एक जैसा ही बात कहता है कि इससे ज्यादा ₹1 में नहीं आ सकता।  अतः मैं इस गाड़ी का मालिक बनने के योग्य हूं।

अब बारी थी चौथे बच्चे की जो बहुत ही अकलमंद और बुद्धिजीवी थी वह बाजार से 50 पैसे की मोमबत्ती लाती है और 50 पैसे की माचिस लाती है और राजा के सामने मोमबत्ती को जला देती है जिस से राजा का महल रोशनी से जगमगा उठता है  फिर वह कहती है कि ₹1 में मैं पूरे घर को रोशन कर दिया।

जहां अंधेरा था वहां तक मैं रोशनी फैला दी इससे ज्यादा और कुछ नहीं हो सकता है यह बात सुनकर राजा भावुक हो गया। और बहुत ही खुश होता है और सबके सामने एलान करता है कि मेरे इस गद्दी का वारिस इस राज को चलाने वाली मेरी छोटी बेटी होगी जिन्होंनेअपने दिमाग से इस राज्य को जीता है।

तो देखा दोस्तों किसी चीज को करने से पहले हमें दिमाग से काम लेना चाहिए क्योंकि दिमाग ही वह चीज है जो हमें अच्छे और बुरे की पहचान कराती है और दिखाती है कि आप किस हद तक सोच  सकते हो और कहां तक पहुंच सकते हो।

हिंदी में बच्चों के लिए नैतिक कहानियां पीडीएफ

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इस कहानी से हमें यह सीख मिलता है कि हमें कुछ भी करने से पहले एक बार अच्छे से सोच लेनी चाहिए जैसा कि अगर वह तीनों इससे अच्छा सोचते तो शायद पूरा राज्य पर  कोई और शासन करता।

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